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* प्राचीन घणा वाल्हा गावस्ने पत्र तपइ को ज्येनें २ हं सचाईना विषयमा वाल्ह करुहू । हे बाल्ह हं सऊदी

अधिक चाडकू को ज्येरो चै तारा मननो बढ़ौतरी दाप्रति दाढै थाय त्ये रोयै सऊ विषयमा तारों बढोतरी घाय ने ३ शरोरनें चैन थाय । कोमको मनें मोट श्रानंद धय को जारे भाइयेायें श्रावोनें ब्येोत्ये त सत्य व्यवहार करे

तू

8 त्येथी तारा वोचनो सचाईन् प्रमाण खाप्या ।

मारा पुत्रौ ५ ना सत्य व्यवहार करवायी मारै अधिक ग्रानन्द महों। हे वारुहा तू भाइयों में अतिथि लोकोनें ये करे है ये विश्वासने लायक करे । त्येहाण्ये मंडळीनें सान्हेंपण तार। प्रेमन प्रमाण चाप्यूहै येहोनें और तू ईश्वर सेवाना उचित सर खूं त्येच्थे।श्ना जाणवामा उपकार करे तो बाळू काम करी ७ श । कोमको त्येना नामयो त्येहाण्य बोजादेशिबैोधी कांई

मलेता गया । एमाटै एवा मणीसाने चादरमानयी कबूल करवू' अमनें उचित है क्ये कामें सचाई साथै उपकारी है ८ यें । में मंडळीनें लखूं परंतु दियोजि फेस को ये ये हो

ना बच्मा सरदारो पामवा चाहें है ये अम्ने कबुल करती .१० नो । रथी हं ज्यारै छायूं व्यारे अमारो विहजतामा शत्रुतानो वाथी घण' बकोनें त्ये ज्ये काम करैछे थे काम

याने कबूल करता नथी वळी ये सेवा चारैहै त्येहानें ११ यय् ना करैछे ने मंडळौथी बारखें निकाळी देहै । हे वाल्हा

ज्ये भुंडा है त्येना पाछळ चालवावाला मा धावा परंतु ज्ये चाहो है त्येना पाछळ चालवावाळा थाजो ज्ये मोस यां छू काम करैछ त्ये ईश्वरथो है ज्ये मणोस भुंड काम करें १२ त्येखें ईश्वरनें जो नहीं । सऊ लोकोना मूंहडाथी में स चाईथोपण देत्रिय वनाभी है कप लेन प्रमख च्यापियेंश्यें वळी अमारं

प्रमाण साच ए तमें जाया। । ११ मनें घ ं लखवू ं है परंतु छवे स्य हो ने लेखनीघो तमनें हूँ १४ लखोश नहीं । परंतु लिग्यार दाढा पाछळ तमें जोवानें ने

सावता कहवा मनें भरोसा है तारों शांति व श्रमारा मित्र तनें नमखार करेके नाम जैनें मित्रानें नम

कार कर ।

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बिदाह को ज्ये विशुखोष्टना सेवक ने यचाकु वनों . भाइ त्येहा ने पास पत्र लखेरै को ज्ये ईश्वर पिताथी पवि घ कोधाथका थाय ने यिशु ख्रीष्टमा रक्षाथका ने निक्षय

कृपा ने शांति ने प्रेम नम सऊपर बच्चवि थावैा । सेवाओ ज्यारे समान परित्राणनी दात तमनें लखवाने में पेष्टा कोधी व्यारै उपदेश करते तमें लखवानें में अवश्य जाणू ं क्ये च्ये विश्वासनो रोय परथम साधुयाने पासै सोय थको हृतो त्येज् विश्वासने माटै तमें अतिचेष्टा करौ । 8 वेंन्को कोई‍ मणोस गुप्ततायो मा पैस्या है के थे वागळच्चो ए दंडनें माटे लखा गया है अर्थात ईश्वरनी सेवा नकरवावाळा अमारा ईश्वरना अनुग्रहना पल्टै लचपणु करवावाला वळी ज्ये ईश्वर सिवाय बोजो कोई नहीं त्येज् प्रभु ईश्वर में अमारा प्रभु विशु खोटन रव ५ कार करवावाळा हैं । ए माटे तमें पहला ए जायें। मही

परंतु दमन याद दिवरावा चाके की विजयें होती नें मिसर देशथो छुडावोनेंपय् त्येनें पाइळ ज्ये ६ विश्वास नथी कोधूं त्येहाख्नु नाश कोधूंछे । वळी ज्ये

दुतायें पोतानी पर थमनो दशा घालय कीधी नहीं परंतु मोतानी दशा मूकी ये हें। खनें ये मोटा दाढाना विचार सु

• राखा है । वळी सदोम में अमोराह में बेहोश्नी चारों पा साना शहर येज सूरत लुचपणामा लाग्या रहोनें नैं घर : जातिना संगमी चैनें कान्त अमिसूरत फळ पामबाधी वाद गोनो सूरत परघट कोधा गया है । त्येवू ए खप्नजेोवाचाळा शरीर में अपवित्र करैके शासना तुच्छ करी जायें हैं वळी मोटी टहलनो निन्दा करैके ।

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९ परंतु सरदार दूत मिखएलयें ज्यारे शयतानची वादा नुवाद करोनें मोशना शरोरना विषयमा प्रश्नोत्तर कोधूं त्येज समय त्येनी विरुद्ध निन्दानी तहमत देवा काम्या १० नहीं परंतु क्यूं को विजह तनें धमकावै । परंतु ए ज्ये जाय ता नथी त्ये मुंडा कर हैं वळी बजाय पशुनें एवं ज्ये स्वभाव ११ थो जायें त्येथी त्ये यातानाओं ने अपवित्र करें। व्येाम्

नू संताय द्याशे कोमको त्ये कईन्ज़ो वाट चालवावाब्य थया हैं वळो लोभमा ल्यागार होनें बलामाना भ्रममा फचाई दें १२ कोराखनों शत्रुता करवाथी नाश थया है। ए ज्यारे तमारे साथै रसोइ जिमे त्यार निरभय खावावाला चैनें तमारत वाल्हथो खावाना भुंडा दाग थाय त्ये बायराथों होयाथ निर्जळ मेघ वेळी शुका फळवाला ने पाळधीन नें बेबार १३ मुआ ने मूळसमेत उपाड्याथका वृक्ष है ।

पोतानी लज्जा सूरत मेरा निवाळवावाळा गरजवावाळा समजनी तरंग फरवावाळी तारा नी सूरत थाय है को ज्येोर्ने माटे अंधारानी स्थामता अनन्त समय सुधो मूको घकीदें । १४ वळीप आदमना नोचळनी सातमी घोडी खानाकों याचा खेनी वात कहीनें त्येहोण्ना विषयमा र वात कही को जू सऊनें उचित दंड ग्रापवानें नें त्येहोना बच्मा ईश्वरनों सेवा नकरवावाळा जिटळू मयोस ईश्वरनो न सेवामू काम १५ ईश्वरनो न सेवाना एवं कोधूं । वळी रनो सेवा

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नकरवावाला पापी लोकायें जिटळी करडी वाता न्येनी कि बदबामा कहीँकै त्येहास्नु दोष ठहवामें ईश्वर मोताना १६ हजार ९ पुन्यवान में साथै लेनें श्रावैछे । र वचकची कर बावाळा अवसन्न पोतानी परसन्नत में एवं व्यवहार करवा वाळा हैं वळो लोभथो मयोसनी मरब्बत करोनें बेहो १७ मुहडू अभिमाननी मोटी फुलावावाळी वाता कहे । परंतु हे वाल्ह ए बात याद राखौ को ये श्रमास मभु विशु १८ खोकना मोकल्या थकाना मुहडाथी क्यूं गयूं है ।

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को त्येहाय कयौं का अंतमा ईश्वरनो सेवा न करवावाळा पोता जो परसन्नने सरखूं व्यवहार करवाळा निंदा करवावाळा १९ थायें । र ये है कये ज्ये पोतानें जाळगौ करेई शारीरिक २० में छात्मीय नहीं । परंतु हे वाल्हा तमें पोताबाञ्चनें पो तानो मोटा पविच विश्वाससूरतनी निऊपर जुडाई कर बै २१ धर्म्मात्मामा प्रार्थना करते अनन्त श्रायुदीयनें माटे मारा प्रभु विशु खोटनो कृपानी अपेक्षा करतै घोताना कौन ई २२ वरना प्रेममा स्थिर करे।। बोजार लेकीनेंया विचार २३ थी वेगळ करौनें दया करो।

में बोबारे कोईनें शोरना

दामथो चित्रित वस्त्रज् विद्वानें बिहाडीने अम्रियों वायोनें २० चाय करौ । ज्ये पडवाथी तमनें रक्षा करवा सके वकी मोटी परसन्नताथो वम्नें निर्देोषसूरत पोवानो महिमानें मासे मुलाकातकरावा सबै है अर्थात् ईश्वर को येनें सिवाद २५ ज्ञानवान बीजो कोई नहीं । व्येनी अधीत समारा वार बावलानी बढाई में महात्म में पराक्रम में शासन र सम बमा नें सदा था। शामिन ।

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