Pr̥thvīrāja kī ān̐kheṃ: ekāṅkī-saṅgrahaGaṅgā Pustakamālā Kāryālaya, 1963 - 123 頁 |
搜尋書籍內容
第 1 到 3 筆結果,共 64 筆
第 11 頁
... भी स्पष्ट और कौतूहल से युक्त रहती है , और उसमें वर्णनात्मक की अपेक्षा अभिनयात्मक तत्त्व की प्रधानता रहती है । इस प्रकार एकांकी ...
... भी स्पष्ट और कौतूहल से युक्त रहती है , और उसमें वर्णनात्मक की अपेक्षा अभिनयात्मक तत्त्व की प्रधानता रहती है । इस प्रकार एकांकी ...
第 75 頁
... भी मज़े में चलता है , और उन्हें एकांतवास भी मिल गया है । जीवन में बड़ी शांति है । हरि ० : अच्छा ! वह भी एकांतवास पसंद करने लगे ! मुन्नी ...
... भी मज़े में चलता है , और उन्हें एकांतवास भी मिल गया है । जीवन में बड़ी शांति है । हरि ० : अच्छा ! वह भी एकांतवास पसंद करने लगे ! मुन्नी ...
第 81 頁
... भी आइए । हरि ० : मैं भी सखी हूँ , राधारानी ? राधा ० : मनमोहनी को [ हास्य ] तो बात करना भी नहीं आता । वहाँ मेरी सखियाँ आमंत्रित अवश्य हैं ...
... भी आइए । हरि ० : मैं भी सखी हूँ , राधारानी ? राधा ० : मनमोहनी को [ हास्य ] तो बात करना भी नहीं आता । वहाँ मेरी सखियाँ आमंत्रित अवश्य हैं ...
常見字詞
०० ५० अच्छा अधिक अपना अपनी अपने अब अभिनेत्री अभी आँखें आँखों आज आप आपका आपकी आपके आपको इंस्पेक्टर इस ईश्वर उनके उन्हें उस उसकी उसके उसी उसे एक और कमल ० कमल० कर करता करते करने कहाँ का कि किया किशोर किसी की की ओर कुछ कुरता के लिये के साथ को क्या क्यों खून गई चंद चंपक को जब जाने जीवन जैसे जो तक तरह तुम तुम्हारे तो था थी थे दिन दिया दृष्टि देख देखकर दो नहीं नाटक नाम ने पर पास पृथ्वीराज प्रभा प्रवेश फिर बलदेव बहुत बात बादल भी महादेव मालती मिनट मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यदि यह यहाँ यही रहा है रही रहे ललिता लोग वर्ष वह विवाह विष्णु० वृद्ध वे शकुंतला शरीर शायद सकता सकती समय समीप सामने सुंदर से सेवा स्वर स्वर में हरि० हाँ हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ हृदय हैं होकर होता है