Pr̥thvīrāja kī ān̐kheṃ: ekāṅkī-saṅgrahaGaṅgā Pustakamālā Kāryālaya, 1963 - 123 頁 |
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第 96 頁
ekāṅkī-saṅgraha Rāmakumāra Varmā. पात्र - परिचय महादेव : एक साधारण व्यक्ति बलदेव : महादेव का मित्र वासंती : बलदेव की बहन पुलिस : इंस्पेक्टर और चार ...
ekāṅkī-saṅgraha Rāmakumāra Varmā. पात्र - परिचय महादेव : एक साधारण व्यक्ति बलदेव : महादेव का मित्र वासंती : बलदेव की बहन पुलिस : इंस्पेक्टर और चार ...
第 98 頁
... बलदेव के मुख पर भय अंकित है । वह सहमी नज़रों से इधर - उधर देख रहा है । ] बलदेव : [ भर्राई हुई आवाज में ] महादेव , मैंने ख़ून कर दिया ...
... बलदेव के मुख पर भय अंकित है । वह सहमी नज़रों से इधर - उधर देख रहा है । ] बलदेव : [ भर्राई हुई आवाज में ] महादेव , मैंने ख़ून कर दिया ...
第 106 頁
... बलदेव : [ स्थिर होकर ] वह तो माता के प्रेम के समान शांत और स्निग्ध संसार में विचर रही होगी । मैं उसे उस शांति- निर्झर से निकालकर क्यों ...
... बलदेव : [ स्थिर होकर ] वह तो माता के प्रेम के समान शांत और स्निग्ध संसार में विचर रही होगी । मैं उसे उस शांति- निर्झर से निकालकर क्यों ...
常見字詞
०० ५० अच्छा अधिक अपना अपनी अपने अब अभिनेत्री अभी आँखें आँखों आज आप आपका आपकी आपके आपको इंस्पेक्टर इस ईश्वर उनके उन्हें उस उसकी उसके उसी उसे एक और कमल ० कमल० कर करता करते करने कहाँ का कि किया किशोर किसी की की ओर कुछ कुरता के लिये के साथ को क्या क्यों खून गई चंद चंपक को जब जाने जीवन जैसे जो तक तरह तुम तुम्हारे तो था थी थे दिन दिया दृष्टि देख देखकर दो नहीं नाटक नाम ने पर पास पृथ्वीराज प्रभा प्रवेश फिर बलदेव बहुत बात बादल भी महादेव मालती मिनट मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यदि यह यहाँ यही रहा है रही रहे ललिता लोग वर्ष वह विवाह विष्णु० वृद्ध वे शकुंतला शरीर शायद सकता सकती समय समीप सामने सुंदर से सेवा स्वर स्वर में हरि० हाँ हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ हृदय हैं होकर होता है