Pr̥thvīrāja kī ān̐kheṃ: ekāṅkī-saṅgrahaGaṅgā Pustakamālā Kāryālaya, 1963 - 123 頁 |
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第 1 到 3 筆結果,共 17 筆
第 47 頁
... देखती हुई ] कौन है ? [ कार्ड देखकर ] ' चारुचित्र ' के संपादक । सपत्नीक | किशोरी : अच्छा , उसी सिनेमा -पत्र के संपादक | कैसे आए ? प्रभा : शायद ...
... देखती हुई ] कौन है ? [ कार्ड देखकर ] ' चारुचित्र ' के संपादक । सपत्नीक | किशोरी : अच्छा , उसी सिनेमा -पत्र के संपादक | कैसे आए ? प्रभा : शायद ...
第 80 頁
... देखकर इन सूखी नसों में भी रक्त का संचार हो जाता है ! और उनकी क्रियाशीलता देखकर मेरे उपदेश में भी सजीवता आ जाती है ! सच मानो , ये ही ...
... देखकर इन सूखी नसों में भी रक्त का संचार हो जाता है ! और उनकी क्रियाशीलता देखकर मेरे उपदेश में भी सजीवता आ जाती है ! सच मानो , ये ही ...
第 93 頁
... देखो , वायु की वह लहर आई ! वायु : [ वायु का प्रवेश । बादल अलग हट जाता है । ] [ संध्या को देखकर ] अरे , अभी तक तुम यहीं हो ? संध्या : [ उदास ...
... देखो , वायु की वह लहर आई ! वायु : [ वायु का प्रवेश । बादल अलग हट जाता है । ] [ संध्या को देखकर ] अरे , अभी तक तुम यहीं हो ? संध्या : [ उदास ...
常見字詞
०० ५० अच्छा अधिक अपना अपनी अपने अब अभिनेत्री अभी आँखें आँखों आज आप आपका आपकी आपके आपको इंस्पेक्टर इस ईश्वर उनके उन्हें उस उसकी उसके उसी उसे एक और कमल ० कमल० कर करता करते करने कहाँ का कि किया किशोर किसी की की ओर कुछ कुरता के लिये के साथ को क्या क्यों खून गई चंद चंपक को जब जाने जीवन जैसे जो तक तरह तुम तुम्हारे तो था थी थे दिन दिया दृष्टि देख देखकर दो नहीं नाटक नाम ने पर पास पृथ्वीराज प्रभा प्रवेश फिर बलदेव बहुत बात बादल भी महादेव मालती मिनट मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यदि यह यहाँ यही रहा है रही रहे ललिता लोग वर्ष वह विवाह विष्णु० वृद्ध वे शकुंतला शरीर शायद सकता सकती समय समीप सामने सुंदर से सेवा स्वर स्वर में हरि० हाँ हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ हृदय हैं होकर होता है