Pr̥thvīrāja kī ān̐kheṃ: ekāṅkī-saṅgrahaGaṅgā Pustakamālā Kāryālaya, 1963 - 123 頁 |
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第 1 到 3 筆結果,共 25 筆
第 9 頁
... की रचना भी होती रही , किंतु उसी समय , जब मेरी इच्छा किसी ऐसे चरित्र के निर्माण करने की हुई , जिसे मैं अपनी अभिनयात्मक कविता में भी ...
... की रचना भी होती रही , किंतु उसी समय , जब मेरी इच्छा किसी ऐसे चरित्र के निर्माण करने की हुई , जिसे मैं अपनी अभिनयात्मक कविता में भी ...
第 25 頁
... करने के लिये समीप आना चाहते हैं । शकुंतला : अच्छा , मैं इसका कितना मूल्य दे दूँ ? किशोर : जितना आप चाहें । मुझे मूल्य की आवश्यकता नहीं ...
... करने के लिये समीप आना चाहते हैं । शकुंतला : अच्छा , मैं इसका कितना मूल्य दे दूँ ? किशोर : जितना आप चाहें । मुझे मूल्य की आवश्यकता नहीं ...
第 44 頁
... की विजय श्री मुस्किरा रही है । आपके अभिनय की प्रशंसा से कितने पत्नों के पृष्ठ सजाए जाते हैं ! कितने पात्र आपके साथ अभिनय करने को ...
... की विजय श्री मुस्किरा रही है । आपके अभिनय की प्रशंसा से कितने पत्नों के पृष्ठ सजाए जाते हैं ! कितने पात्र आपके साथ अभिनय करने को ...
常見字詞
०० ५० अच्छा अधिक अपना अपनी अपने अब अभिनेत्री अभी आँखें आँखों आज आप आपका आपकी आपके आपको इंस्पेक्टर इस ईश्वर उनके उन्हें उस उसकी उसके उसी उसे एक और कमल ० कमल० कर करता करते करने कहाँ का कि किया किशोर किसी की की ओर कुछ कुरता के लिये के साथ को क्या क्यों खून गई चंद चंपक को जब जाने जीवन जैसे जो तक तरह तुम तुम्हारे तो था थी थे दिन दिया दृष्टि देख देखकर दो नहीं नाटक नाम ने पर पास पृथ्वीराज प्रभा प्रवेश फिर बलदेव बहुत बात बादल भी महादेव मालती मिनट मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यदि यह यहाँ यही रहा है रही रहे ललिता लोग वर्ष वह विवाह विष्णु० वृद्ध वे शकुंतला शरीर शायद सकता सकती समय समीप सामने सुंदर से सेवा स्वर स्वर में हरि० हाँ हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ हृदय हैं होकर होता है